Kundli Milan Importance In Life
Horoscope Reading Importance In Life
ऐसा माना जाता है इस सृष्ठि में प्रत्येक जीवित प्राणी का अपना उर्जा क्षेत्र होता है। इन प्राणियों के उर्जा क्षेत्र किसी ना किसी ग्रह या किसी राशि के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। संसार के सभी उर्जा क्षेत्र किसी ग्रह या राशि के द्वारा परिचालित होने के कारण अन्य सभी उर्जा क्षेत्रों के साथ संगत नहीं होते हैं। उदाहरण स्वरुप, पानी और अग्नि का एक दूसरे के साथ मेल नहीं हो सकता,क्योंकि पानी आग को बुझा सकता है। यह वह स्थान है जहां कुंडली मिलान का रिवाज काफी महत्वपूर्ण हो जाता है, जैसाकि यह प्रस्तावित जोड़े की संगत के विषय में उचित राय देता है।Kundli Milan
कुंडली मिलान, निर्धारित दिशा निर्देशों व नियमों की मदद से एक स्थिर समाज बनाने की क्षमता रखता है। उदाहरणस्वरुप, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल काफी मजबूत का होता है, तो वह बहुत तीव्र, उत्साह से भरा हुआ तथा सक्रिय होता है। दूसरी ओर कमजोर मंगल वाला व्यक्ति में यह गुण नहीं होता। अब, यदि ऐसे दो लोगों का विवाह होता है तो , मजबूत मंगल वाला व्यक्ति को हमेशा लगेगा कि उसका साथी काफी सुस्त तथा अनुत्साहित है। इसी तरह कमजोर मंगल वाला अपनी साथी की गति तथा तीव्रता के कारण दबाव महसूस कर सकता है। इस तरह से यह एक आदर्श जोड़ा नही हो सकता है।Kundli Milan
कुंडली मिलान, निर्धारित दिशा निर्देशों व नियमों की मदद से एक स्थिर समाज बनाने की क्षमता रखता है। उदाहरणस्वरुप, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल काफी मजबूत का होता है, तो वह बहुत तीव्र, उत्साह से भरा हुआ तथा सक्रिय होता है। दूसरी ओर कमजोर मंगल वाला व्यक्ति में यह गुण नहीं होता। अब, यदि ऐसे दो लोगों का विवाह होता है तो , मजबूत मंगल वाला व्यक्ति को हमेशा लगेगा कि उसका साथी काफी सुस्त तथा अनुत्साहित है। इसी तरह कमजोर मंगल वाला अपनी साथी की गति तथा तीव्रता के कारण दबाव महसूस कर सकता है। इस तरह से यह एक आदर्श जोड़ा नही हो सकता है।Kundli Milan
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हिंदू या वैदिक ज्योतिष प्रणाली में, जोड़े के मिलान के लिए अष्टकुट विधि ( आठ बिंदु विधि) का इस्तेमाल किया जाता है। इस पद्धति के अनुसार, अनुकूलता की जांच करने के लिए आठ विभिन्न मापदंडों को माना जाता है और प्रत्येक मापदंड जीवन की एक विशेष पहलू का सूचक है। इस प्रणाली हमें यह जानने में मदद करता है कि दो लोग जीवन के विभिन्न पहलू में एक दूसरे के साथ आरामदायक हैं या नहीं। ये सभी मापदंड विभिन्न बिंदूओं का मिलान करता है। यदि मिलान बिंदू १८ से अधिक है, तो यह एक औसत मेल माना जाता है, जबकि १८ से कम बिंदूओं पर मिलान की सिफारिश नहीं की जाती। यदि मिलान बिंदू २४ से ज्यादा है तो मेल औसत से अच्छा है और यदि यह २८ से ज्यादा है तो इसे अच्छा मेल माना जाता है। कुंडली के मिलान के समय, सभी मापदंडों को ध्यान में रखा जाता है तथा निम्न वर्णित के आधार पर अधिकतम अंक दिए जाते हैं। यहां प्रत्येक मापदंड के अर्थ का उल्लेख किया गया है। यह पद्धति एक जोड़े की संगतता (अनुकूलता) को पहचानने के लिए सदियों से अजेय रहा है।Kundli Milan
Horoscope Prediction For Batter Life
१ | वर्ण | सामाजिक मूल्यों की अनुकूलता | १ अंक |
२ | वैश्य | सामांजस्य स्तर पर अनुकूलता | २ अंक |
३ | तारा / दिना | व्यक्तिगत नियति की अनुकूलता | ३ अंक |
४ | योनि | यौन अनुकूलता | ४ अंक |
५ | गृह /मैत्री | वैवाहिक सद्भाव की अनुकूलता | ५ अंक |
६ | गण | व्यक्तिगत लक्षण की अनुकूलता | ६ अंक |
७ | भकूट | सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति की अनुकूलता | ७ अंक |
८ | नाड़ी | संतति पैदा करने की अनुकूलता | ८ अंक |
इस प्रणाली का पालन करके किए जाने वाले जोड़े मेल वैज्ञानिक रुप से सही होते हैं। गणेशजी एक उदाहरण देना चाहते हैं।
कुंडली में नाड़ी दोष संतान के जन्म में कठिनाईयों को दिखाता है। यदि गुण मिलाप के समय मध्य नाड़ी दोष का संकेत मिलता है, तो युगल के संतान सुख से वंचित रखने की संभावना काफी मजबूत होती है। कारण – नाड़ी किसी व्यक्ति की प्रकृति (मूल तत्व ) को इंगित करता है। ये प्रकृति वात, पित्त और कफ हैं। यदि दोनों भागीदार एक ही प्रकृति में जन्म लेते हैं तो नाड़ीके तहत प्राप्त अंक शून्य होगा। विवाह का मकसद एक दूसरे के साथ सुखी जीवन ही नहीं है, बल्कि परिवार का विस्तार भी है। यदि युगल संतानसुख से वंचित रहते हैं तो वैवाहिक जीवन में कुछ वर्षों के पश्चात उदासी आ सकती है तथा युगल को बुढ़ापे में सहारे के लिए भी कोई नहीं होता।
नाड़ी के प्रकार तथा उनके अर्थ निम्न प्रकार से हैं-Kundli Milan
आद्य नाड़ी | वात | वायु स्वभाव | सूखा तथा ठंड़ा |
मध्य नाड़ी | पित्त | पित्त स्वभाव | उच्चतम मेटाबोलिक दर |
अंत नाड़ी | कफ | सुस्त स्वभाव | तैलिय तथा विनित |
मध्य नाड़ी दोष इन तीनों में से सबसे मजबूत माना जाता है, जैसा कि पित्त प्रकृति वीर्य की गुणवत्ता का नाश करता है। इस कारण से सफल गर्भाधान की संभावना काफी कम हो जाती है, अधिकांशतः इसलिए कि शुक्राणु की आयु ३ से ५ दिन की होती है और पित्त प्रकृति का स्वभाव इसका नाश करने का है। फलतः मध्य नाड़ी दोष वाले युगल की प्रजनन क्षमता काफी कम होती है।
IMPORTANCE OF HOROSCOPE IN LIFE
ज्योतिष को एक विज्ञान के रुप में, समय से काफी आगे, व्यक्ति के तारीख, समय तथा जन्म स्थान के आधार पर, सही वैज्ञानिक व्याख्या के साथ सभी कुछ का सही विवरण बताता है। लेकिन, क्या युगल एक दूसरे के लिए भाग्यशाली साबित होगें ?विवाह के बाद क्या युगल वित्तिय प्रगति कर सकेगें ? इस तरह के सवालों का जवाब भी विस्तृत कुंडली के मिलान करके आसानी से पाया जा सकता है।
यहां अन्य कई ज्योतिषिय मापदंड भी हैं जो कुंडली मिलान के समय ध्यान में रखा जाता है। इसमें समग्र तालिका की अवधारणा भी शामिल है, जो बताता है कि दो लोग एक दूसरे के साथ सुखी रहेगें हैं या नहीं। उनका जीवन किस तरह से बितेगा, कोई एक चमकेगा तथा दूसरे के सकारात्मक गुणों से तर हो जाएगा ? ये सारे कारण हैं कि विवाह को तय करने से पहले दूल्हा दुल्हन के कुंडली का मिलान किया जाता है।
संक्षेप में कहा जाए तो कुंडली मिलान एक सफल तथा सद्भावपूर्ण विवाहित जीवन की कुंजी है।Kundli Milan
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ASTROLOGER PEEYUSH VASHISTH
MOB :- 9829412361
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